CG Paddy Procurement: 21 का वादा टोकन दे रहे 16 क्विंटल का: किसानों ने किया विरोध, इधर राइस मिलर भी नाराज
CG Paddy Procurement: छत्तीसगढ़ में आज धान खरीदी का दूसरा दिन है। 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू की गई। इसके तीन दिन छुट्टी रही। इस बीच किसान खरीदी की व्यवस्था को लेकर नाराज हैं। उधर, राइस मिलर भी अब तक धान का कस्टम मिलिंग करने को तैयार नहीं हुए हैं।
CG Paddy Procurement: रायपुर। छत्तीसगढ़ में 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी के वादे के विपरीत 16 क्विंटल का टोकन जारी किया जा रहा है। इससे नाराज मुंगेली के किसानों ने एक दिन पहले चक्का जाम कर दिया था। नाराज किसानों को मनाने के लिए कलेक्टर और एसपी को सामने आना पड़ा। इस बीच प्रदेश के राइल मिलर भी सरकार ने नाराज हैं। प्रदेश के किसी भी जिला में राइस मिलरों ने अब तक पंजीयन नहीं कराया है।
सरकार नहीं चाहती कस्टम मिलिंग हो: योगेश अग्रवाल
राइस मिल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने कस्टम मिलिंग को लेकर सरकार के रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर की है। अग्रवाल ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार नहीं चाहती है कि धान की कस्टम मिलिंग हो। उन्होंने बताया कि एक तरफ राज्य सरकार ने प्रोत्साहन राशि को कम कर दिया है दूसरी तरफ पुराना बकाया भुगतान नहीं कर रही है। पंजीयन के लिए ऐसी शर्तें लगा दी गई है जिसका पालन संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक राइस मिलरों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, तब तक धान का उठाव नहीं होगा।
इधर, कांग्रेस ने बोला हमला
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुंगेली के टेमरी धान खरीदी केंद्र में किसानों को प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेचने का टोकन देने के बाद मात्र 16 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदना। किसानों के साथ धोखा है। धान खरीदी के दूसरे दिन ही सरकार की धान खरीदी को लेकर तैयारी की पोल खुल गई है। सरकार गिरदावरी और अनावरी रिपोर्ट में गड़बड़ी कराकर किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदने से बचना चाहती है। पहले ही किसानों का रकबा काट दिया गया अब अनावरी रिपोर्ट में भी उत्पादन कम बता कर दंडी मारा जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कई किसान ऐसे हैं जिनके पास स्मार्ट मोबाइल नहीं है जिन्हें मोबाइल ऐप से धान बेचने का टोकन लेने में दिक्कत जा रहा है और सोसाइटी में धान बेचने के लिए टोकन नहीं दिया जा रहा है धान बेचने के बाद किसानों को 3100रु क्विंटल की दर पर एक मुश्त भुगतान नहीं मिलने की शिकायत भी मिल रही है। धान खरीदी केंद्रों में भारी अव्यवस्था है। किसानों को गिरदावरी और अनावरी रिपोर्ट को पटवारी और तहसीलदार से सत्यापित कराने के लिए भटकाया जा रहा है जिन किसानों का रकबा काटा गया है उन्हें जोड़कर अभी तक पंजीयन नहीं किया गया है। जिसके चलते किसान धान बेचने से वंचित हैं।
प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है किसानों को मोबाइल ऐप के अलावा सहकारी समिति के माध्यम से भी टोकन दिया जाए। प्रति एकड़ 21 कुंटल धान खरीदा जाए। जिनका रकबा काटा गया है, उनको तत्काल जोड़कर धान बेचने पंजीयन किया जाए और धान के समर्थन मूल्य में हुई वृद्धि को मिलाकर प्रति क्विंटल 3217 रुपए का भुगतान किया तत्काल किया जाए।